राँची :
आम आदमी पार्टी ने पेट्रोल और डीजल की बढ़ी कीमतों पर गाड़ी को रस्सी से खींच कर आज फिरायालाल चौक पर विरोध प्रदर्शन किया।
पेट्रोल और डीजल की बढ़ी हुई कीमतों के बारे में राँची महानगर अध्यक्ष अजय मेहता ने कहा कि आज आम जनता पेट्रोल और डीजल की बढ़ी हुई कीमतों के कारण महंगाई से त्रस्त है। केंद्र सरकार की नीतियां दोहरी और जनविरोधी हैं। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जब भाजपा विपक्ष में थी तो वह पेट्रोल और डीजल की कीमत पर छत उठाती थी। लेकिन आज स्थिति यह है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 40 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर आ गई है लेकिन मोदी सरकार उद्योगों को राहत देने के लिए पेट्रोल और डीजल की कीमतों को कम नहीं कर रही है। जबकि आम जनता को कोरोना अवधि के दौरान एक कठिन संकट का सामना करना पड़ रहा है। सरकार की बेरूखी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि मौजूदा समय में पेट्रोल पर कुल उत्पाद शुल्क 32.98 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 31.83 रुपये प्रति लीटर है। 2014 में जब नरेंद्र मोदी सरकार ने सत्ता संभाली थी तब पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 9.48 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 3.56 रुपये प्रति लीटर था। इस तरह लगभग छह वर्षों में पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 23.5 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 28.27 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि हुई है। मोदी सरकार द्वारा पिछले 21 दिनों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार वृद्धि की गई है।
प्रदेश संयुक्त सचिव यास्मिन लाल ने कहा कि केंद्र सरकार को समझना चाहिए, कोरोना संकट के दौरान पेट्रोल, डीजल की कीमत में वृद्धि के कारण फल, सब्जियां, राशन, दवाइयां सभी की कीमतें बढ़ रही हैं। इस वजह से आम लोग इस संकट के दौरान गहरे वित्तीय समय में हैं। पेट्रोल डीजल की कीमतों में आई इस तेजी का खामियाजा किसान भुगत रहे हैं।
प्रदेश कोषाध्यक्ष आलोक शरण ने कहा कि केंद्र सरकार को राजस्व के अन्य स्रोतों को देखना चाहिए। देश के आम नागरिकों को अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कम कीमत का लाभ मिलना चाहिए। इसलिए मोदी सरकार को पेट्रोल और डीजल की बढ़ी हुई कीमतों को तुरंत वापस लेना चाहिए।
विरोध प्रदर्शन में मुख्य रूप से राजन कुमार सिंह, राजेश कुमार , वसीम अकरम, परवेज अख्तर, अरूण पाठक, अविनाश नारायण, संदीप भगत, राहुल कुमार, रेणुका तिवारी, सुनील राम, अखोरी गंगेश , अमित कुमार सहित अन्य लोग शामिल रहे।