चंदवा:-
किसान संघर्ष कोर्डिनेशन कमेटी के देशव्यापी आह्वान पर झारखंड राज्य किसान सभा लातेहार ईकाई ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यु.एच.ओ) की एडवाइजरी और शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए कामता में केंद्र की भाजपा सरकार के किसान मजदूर कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ झारखंड राज्य किसान सभा लातेहार ने भारत बचाओ दिवस मनाया।
इसमें उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए किसान सभा के जिला अध्यक्ष अयुब खान ने कहा कि भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार आत्मनिर्भर भारत के नाम पर सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योगों को बेचने, राष्ट्रीय कृत बैंकों को विखंडित कर उसे अपने चहेतों के हवाले करने, देश की अर्थव्यवस्था की रीढ भारतीय जीवन बीमा निगम को समाप्त करने की साजिश,रक्षा, कोयला, पेट्रोलियम, इस्पात, भारी अभियंत्रण, रेलवे, नेशनल हाइवे, दूरसंचार हवाई अड्डा, बंदरगाह समेत तमाम उद्योगों संस्थानों को देशी विदेशी पूंजीपतियों के हाथों कौड़ी के मोल पर उन्हें सौंपे जाने की राष्ट्र विरोधी कार्रवाई को देश का किसान मजदूर कर्मचारी वर्ग बर्दाश्त नहीं करेगा।
जिस तरह आजादी के संघर्ष मे 9 अगस्त 1942 को महात्मा गांधी के आह्वान पर करो या मरो का नारा देशव्यापी अभियान का हिस्सा बन गया था उसी प्रकार देश का श्रमिक वर्ग राष्ट्रीय संपदा की लूट के खिलाफ और भारत के आत्मसम्मान और आर्थिक संप्रभुता की रक्षा के लिए कोई भी कुर्बानी देने के लिए तैयार है।
इस वैश्विक महामारी को रोकने में केंद्र सरकार पुरी तरह विफल साबित हुई है।
उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज में से किसी को भी कुछ नहीं मिला है, गांव से लेकर शहर तक लोग बेकार बैठे हैं, लोगों की रोजगार छिन्न गई, वे आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं।
इस समय जरूरत है लॉकडाउन में आर्थिक संकट झेल रहे आम आदमी को मदद पहुंचाने की जो केंद्र सरकार के 20 लाख करोड़ के पैकेज में कहीं भी नजर नहीं आ रही है।
उन्होंने कहा कि आम आदमी को आर्थिक सहायता पहुंचाना इस समय सबसे बड़ी जरूरत होनी चाहिए जो कहीं दिखाई नहीं देती आती है, बीजेपी सरकार के इस विनाशकारी आत्मघाती और राष्ट्र विरोधी हथकंडों के खिलाफ तथा भारत बचाने के लिए आज देश की मजदूर किसान कर्मचारी सड़क पर हैं।
कार्यक्रम में संपूर्ण कर्जा से किसानों को मुक्ति देने, फसलों के लागत से डेढ़ गुना दाम, काले अध्यादेश, बिजली बिल (संशोधन)2020 रद्द करने, किसानों के लिए डीजल के रेट आधे करने, खेत मजदूरों -छोटे गरीब किसानों व भूमिहीन ग्रामीण गरीबों को साल में 200 दिन काम देने, लॉकडाउन से प्रभावितों को आर्थिक सहायता देने, प्राकृतिक आपदा से खराब फसलों का मुआवजा देने, कोविड-19 के बढते संक्रमण को रोकने के लिए स्वास्थ्य कर्मी को सुरक्षा प्रदान की जाय।
आयकर के दायरे मे नही आने वाले सभी व्यक्तियों के बैंक खाते में 7500 रू प्रति माह अगले 6 माह तक भेजा जाय, लॉकडाउन से प्रभावित सभी व्यक्ति को 10 किलो नि:शुल्क अनाज एक एक किलो दाल, तेल चीनी हर महीना उपलब्ध कराने की मांग की गई है।